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8- गोमती चक्र को होली के दिन थोड़ा सिंदूर लगाकर शत्रु का नाम उच्चारण करते हुए जलती हुई होली में फेंक दें। आपकी शत्रु भी मित्र बन जाएगा। | |||||||||||||||
9- अगर कोई व्यक्ति होली के दिन 7 गोमती चक्र को सवा मीटर कपड़े में बांधकर अपने पूरे परिवार के ऊपर से ऊतारकर किसी बहते जल में फेंक दें तो यह एक तरह से आपके परिवार की तांत्रिक रक्षा कवच का कार्य करेगा। | |||||||||||||||
10- चार गोमती चक्र को अगर रोगी के बिस्तर के साथ बांध दें तो कुछ ही दिनों में रोगी स्वस्थ होने लगेगा। रोगी के पूर्ण स्वस्थ होने पर इन्हें सुबह के वक्त पीपल के पेड़ के नीचे गाढ़ दें। | |||||||||||||||
11- यदि 11 गोमती चक्र को पीले वस्त्र में लपेट कर तिजोरी में इस दिन रखें तो वर्ष भर तिजोरी भरी रहेगी। | |||||||||||||||
12- तीन गोमती चक्र को जेब में रखकर किसी मुकद्में या प्रतियोगिता के लिए जाएं तो निश्चित ही सफलता मिलेगी। | |||||||||||||||
रोग-मुक्ति के लिएः परिवार में यदि कोई असाध्य रोगी है, तो चार गोमती चक्र लाकर उन्हें जल से स्वच्छ करें। डंठल सििहत दो पान के पत्ते लें। एक जोड़ा लौंग को घी में डुबोकर पान के पत्तों पर रखें और पान के पत्तों को इस प्रकार लपेट लें कि सारी सामग्री अंदर बंद हो जाए। चाहें तो काले धागे से बांध सकते हैं। | |||||||||||||||
अब दाएं हाथ में चार गोमती चक्र तथा बांए हाथ में पान लेकर होलिका की 11 परिक्रमा करें। प्रत्येक परिक्रमा रोगी के स्वस्थ होने के बारे में निवेदन करें। परिक्रमा पूरी होने के बाद पान को होलिका में डाल दें। | |||||||||||||||
होलिका को प्रणाम करें और गोमती चक्र को घर ले आएं। वे चारों गोमती चक्र रोगी के पलंग के चारों पायों में बांध दें। रोगी की जो चिकित्सा चल रही है, उसे चलने दें। रोजाना सुबह उठते ही रोगी के स्वास्थ्य की कामना करें। लाभ मिलेगा। |
Wednesday 28 December 2011
गोमती चक्र (Gomati Chakra)
हत्था जोड़ी (Hatha Jodi)
हत्था जोड़ी एक वनस्पति है. एक विशेष जाती का पौधे की जड़ खोदने पर उसमे मानव भुजा जैसी दो शाखाये दिख पड़ती है, इसके सिरे पर पंजा जैसा बना होता है. उंगलियों के रूप में उस पंजे की आकृति ठीक इस तरह की होती है जैसे कोई मुट्ठी बंधे हो. जड़ निकलकर उसकी दोनों शाखाओ को मोड़कर परस्पर मिला देने से कर बढ़ता की स्थिथि आती है, यही हत्था जोड़ी है. इसकी पौधे प्राय मध्य प्रदेश में होते है, जहा वनवासी जातियों की लोग इसे निकलकर बेच दिया करते है. |
हत्था जोड़ी यह बहुत ही शक्तिशाली व प्रभावकारी वस्तु है यह एक जंगली पौधे की जड़ होती है मुकदमा ,शत्रु संघर्ष ,दरिद्रता ,व दुर्लभ आदि के निवारण में इसके जैसी चमत्कारी वस्तु आज तक देखने में नही आई इसमें वशीकरण को भी अदुभूत टकक्ति है , भूत दृप्रेत आदि का भय नही रहता यदि इसे तांत्रिक विधि से सिध्द कर दिया जाए तो साधक निष्चित रूप से चामुण्डा देवी का कृपा पात्र हो जाता है यह जिसके पास होती है उसे हर कार्य में सफलता मिलती है धन संपत्ति देने वाली यह बहुत चमत्कारी साबित हुई है तांत्रिक वस्तुओं में यह महत्वपूर्ण है |
हत्था जोड़ी में अद्भुत प्रभाव निहित रहता है, यह साक्षात चामुंडा देवी का प्रतिरूप है. यह जिसके पास भी होगा वह अद्भुत रुप से प्रभावशाली होगा. सम्मोहन, वशीकरण, अनुकूलन, सुरक्षा में अत्यंत गुणकारी होता है, हत्था जोड़ी. |
होली की रात को कुंए के पास जाकर थोड़ी मिट्टी खोद कर उसकी एक गणेशजी की मूर्ति बनाएं। उसके ऊपर सिंदूर से लेपन कर रातभर उसका अभिषेक-पूजन करें। सुबह आरती के बाद विसर्जन कर दें। इससे प्रयोग से भी शीघ्र ही धन लाभ होने लगता है। |
हत्था जोड़ी जो की एक महातंत्र में उपयोग में लायी जाती है और इसके प्रभाव से शत्रु दमन तथा मुकदमो में विजय हासिल होती है ! |
तिजोरी में सिन्दूर युक्त हत्था जोड़ी रखने से आर्थिक लाभ में वृद्धि होने लगती है. |
हाथा जोड़ी एक जड़ है। होली के पूर्व इसको प्राप्त कर स्नान कराकर पूजा करें तत्पश्चात तिल्ली के तेल में डूबोकर रख दें। दो हफ्ते पश्चात निकालकर गायत्री मंत्र से पूजने के बाद इलायची तथा तुलसी के पत्तों के साथ एक चांदी की डिब्बी में रख दें। इससे धन लाभ होता है।हाथा जोड़ी को इस मंत्र से सिद्ध करें- |
ऊँ किलि किलि स्वाहा। |
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